पृष्ठ:साम्प्रदायिकता.pdf/९९

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योग 3949 530 1598 2289 विभूति नारायण राय: साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस (पृ. -61) तालिका कुछ बड़े दंगों में मरने वाले हिन्दुओं और मुसलमानों की संख्या है स्थान मृतकों की संख्या अलीगढ (1961) रांची/हटिया (अगस्त, 1967 अहमदाबाद (सितम्बर 1969 भिवंडी (मई, 1970) जलगांव (मई, 1970) फिरोजाबाद(1972) अलीगढ़ (1979) मुरादाबाद (अग. - सित. 1980 मेरठ (अक्तूबर, 1982 तक) योग हिन्दू मुस्लिम 1 12 20 24 17 1 3 6 18 6 96 156 430 56 42 16 19 142 21 897 अन्य 1 58 2 2 3 6 2 74 कुल 13 177 512 75 43 21 28 166 29 1067 विभूति नारायण राय: साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस (पृ. -62 ) मुसलमान भारत-विभाजन के जिम्मेदार व देशद्रोही हैं 1947 में भारत को आजादी मिली, लेकिन साथ ही धर्म के आधार पर बंटवारा करके देश के दो टुकड़े कर दिए गए और पाकिस्तान बना । निश्चित रूप से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, जिसने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और हजारों की जान चली गई। लाखों को शरणार्थी का जीवन जीना पड़ा। यह भयानक त्रासदी थी । हिन्दू साम्प्रदायिक शक्तियां इसका जिम्मेवार मुसलमानों को ठहराती हैं और कहती हैं कि जब मुसलमानों के लिए एक अलग देश बन गया है तो उनको वहां जाना चाहिए। इसी आधार पर वे नारा देते हैं कि 'मुसलमान के दो स्थान- पाकिस्तान या कब्रिस्तान ।' इस बात को लेकर वे प्रचार करते हैं और सच्चाई छुप जाती है। पहली बात तो यह है कि पाकिस्तान बनने के जिम्मेवार सारे मुसलमान नहीं हैं। केवल उच्च वर्ग के कुछ मुसलमान ही इसके जिम्मेवार हैं। पाकिस्तान की मांग मुख्य रूप से मुस्लिम लीग की थी, जिसको कि 100 / साम्प्रदायिकता