पृष्ठ:साम्राज्यवाद, पूंजीवाद की चरम अवस्था.djvu/१०७

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उपनिवेश
ग्रेट ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी
वर्ष क्षेत्रफल (लाख वर्ग मील) आबादी (लाख) क्षेत्रफल (लाख वर्ग मील) आबादी (लाख) क्षेत्रफल (लाख वर्ग मील) आबादी (लाख)
१८१५-३० ? १,२६४ ०.२ ५.० - -
१८६० … २५ १,४५१ २.० ३४.० - -
१८८० … ७७ २,६७९ ७.० ७५.० - -
१८९९ … ९३ ३,०९० ३७.० ५६४.० १०.० १४७.०

ग्रेट ब्रिटेन के लिए औपनिवेशिक विजयों के अत्यधिक विस्तार का काल १८६० से १८८० तक था और उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम बीस वर्षों में भी यह विस्तार बहुत काफ़ी हुआ। फ़्रांस और जर्मनी के लिए यह काल ठीक इन्हीं बीस वर्षों के भीतर आता है। हम पहले देख चुके हैं कि इजारेदारी से पहले के पूंजीवाद का विकास अर्थात् उस पूंजीवाद का जिसमें खुली प्रतियोगिता का बोलबाला था, उन्नीसवीं शताब्दी के सातवें तथा आठवें दशक में अपनी चोटी पर पहुंच गया था। अब हम देखते हैं कि औपनिवेशिक विजयों में अत्यधिक "तेज़ी" ठीक इसी काल के बाद आरंभ होती है और यह कि दुनिया के क्षेत्रीय विभाजन का संघर्ष असाधारण रूप से तीव्र हो जाता है। इसलिए इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि इजारेदारी पूंजीवाद की अवस्था में, वित्तीय पूंजी में पूंजीवाद के संक्रमण का संबंध दुनिया के बंटवारे के संघर्ष के तीव्र होने के साथ है।

साम्राज्यवाद के विषय पर अपनी रचना में हाबसन ने १८८४

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