के लिए और बाद में उनकी राजनीतिक मुक्ति के लिए रास्ता साफ़ करेगा।"
ग्रेट ब्रिटेन में भूमि के निरंतर बढ़ते हुए भाग पर खेती बंद करके उसे खेल-कूद के लिए, अमीरों के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। स्काटलैंड के बारे में–जो संसार का सबसे ठाठदार क्रीड़ास्थल है–कहा जाता है कि "वह अपने अतीत और श्री कारनेगी (अमरीकी अरबपति) के बल पर जीवित है"। ब्रिटेन अकेले घुड़दौड़ और लोमड़ियों के शिकार पर प्रति वर्ष १,४०,००,००० पौंड (लगभग १३,००,००,००० रूबल) खर्च करता है। इंगलैंड में इस समय सूदखोरों की संख्या लगभग दस लाख है। कुल जनसंख्या में उत्पादक ढंग से रोज़गार में लगी हुई जनसंख्या का प्रतिशत अनुपात घटता जा रहा है :
ब्रिटेन की जनसंख्या | बुनियादी उद्योगों में मजदूरों की संख्या | कुल जनसंख्या का प्रतिशत अनुपात | |
(लाखों में) | |||
१८५१…… | १७९ | ४१ | २३% |
१९०१…… | ३२५ | ४९ | १५% |
और ब्रिटेन के मजदूर वर्ग का उल्लेख करते समय "बीसवीं शताब्दी के आरंभ में ब्रिटिश साम्राज्यवाद" के पूंजीवादी अन्वेषकों को मजदूरों के "उच्चतर स्तर" और "खास सर्वहारा वर्ग के निम्नतर स्तर" के बीच बाक़ायदा अंतर करने पर मजबूर होना पड़ता है। सहकारी संस्थानों, ट्रेड-यूनियनों, खेल-कूद के क्लबों तथा अनेक धार्मिक सम्प्रदायों के
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