"रूपान्तर" कर दिया, ("अति-साम्राज्यवाद" के सिद्धान्त के) "प्रतिक्रियावादी स्वरूप" के स्थान में "पिछड़ा स्वरूप" रख दिया, इत्यादि। 'पारुस' पब्लिशर्स ने यह पुस्तक "पूंजीवाद की नवीनतम अवस्था के रूप में साम्राज्यवाद" शीर्षक के साथ १९१७ के आरंभ में पेत्रोग्राद में प्रकाशित की।
रूस लौट आने पर लेनिन ने इस पुस्तक की भूमिका लिखी। १९१७ के मध्य में पुस्तक प्रकाशित हुई।
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2यह भूमिका प्रथम बार अक्तूबर १९२१ में "कम्युनिस्ट इंटरनेशनल" पत्रिका की १८ वीं संख्या में "साम्राज्यवाद और पूंजीवाद" शीर्षक के साथ प्रकाशित हुई।
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3प्रस्तुत संस्करण में यह घोषणापत्र शामिल नहीं है।
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4"जर्मनी की स्वतन्त्र सामाजिक-जनवादी पार्टी"–अप्रैल १९१७ में स्थापित सेंट्रिस्ट पार्टी। इस पार्टी का मुख्य अंग कौत्स्की पंथीय "श्रमिक सभा" संगठन था। इन "स्वतन्त्रवादियों" ने स्पष्ट सामाजिक-अंधराष्ट्रवादियों के साथ "एकता" का प्रचार किया, उनका समर्थन और बचाव किया, और वर्ग संघर्ष के त्याग की मांग की।
अक्तूबर १९२० में हाल्ले में स्वतन्त्र सामाजिक-जनवादी पार्टी की कांग्रेस में फूट पड़ी। दिसंबर १९२० में इस पार्टी का काफ़ी हिस्सा जर्मनी की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिल गया। दक्षिण पंथियों ने एक अलग पार्टी स्थापित की और स्वतन्त्र सामाजिक-जनवादी पार्टी वाला पुराना नाम धारण किया। यह पार्टी १९२२ तक बनी रही।
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