शेयरों के अंकित मूल्य का केवल ५ प्रतिशत भाग है,"*[१] हर “पुनर्निर्माण” से “ 'मुनाफ़ा कमाया"।
तेजी से बढ़ते हुए बड़े-बड़े शहरों के आसपास की जमीन का सट्टा करना वित्तीय पूंजी के लिए विशेष रूप से लाभप्रद होता है। यहां पर बकों की इजारेदारी भूमि-कर की इजारेदारी और यातायात के साधनों की इजारेदारी में घुलमिल जाती है क्योंकि जमीन की कीमत में वृद्धि और उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर मुनाफ़े पर बेचने की संभावना आदि बातें मुख्यतः इसपर निर्भर होती हैं कि शहर के केंद्रीय भाग के साथ यातायात के साधन अच्छे हों ; और यातायात के इन साधनों पर बड़ी-बड़ी कम्पनियों का क़ब्ज़ा होता है, जिनका संबंध होल्डिंग पद्धति और संचालक-मंडलों में पदों के वितरण के ज़रिये उन बैंकों के साथ होता है जिन्हें इस कारोबार में दिलचस्पी होती है। इसका नतीजा वह होता है जिसे जर्मन लेखक अश्वेगे ने, जिनके लेख «Die Bank» में प्रकाशित होते रहते हैं और जिन्होंने स्थावर भूसम्पत्ति के कारोबार तथा गिरवी आदि का विशेष रूप से अध्ययन किया है, "दलदल" कहा है उपनगरों में मकान बनाने की ज़मीनों के सिलसिले में जोरों का सट्टा चलता है ; मकान बनाने के कारोबार बैठ जाते हैं (जैसे बर्लिन की 'बोसवाउ तथा क्नौएर" नामक कम्पनी का कारोबार बैठ गया था, जिसने "मज़बूत और ठोस" 'जर्मन बैंक" («Deutsche Bank») की सहायता से १०,००,००,००० मार्क की मोटी बटोरी थी- जाहिर है, "जर्मन बैंक" होल्डिंग पद्धति के अनुसार, अर्थात् गुप्त रूप से, परदे के पीछे, काम कर रहा था और "केवल" १,२०,००,००० मार्क का घाटा उठाकर वह इस कारोबार में से निकल आया), और
- ↑ *Stillich, पहले उद्धृत की गयी पुस्तक , पृष्ठ १३८ और Liefmann, पृष्ठ ५१।
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