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पैठानी सिक्कों पर नागरी

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तांबा। २८ ग्रेन। प्रायः अप्राप्य

एक तरफ़ अ़रबी में
शम्श

दूसरी तरफ़
श्री समसदीन

जब तक शमसुद्दीन अल्तमश ने देहली में बादशाहत की तब तक सात विदेशी बादशाह या सेनापति ऐसे हुए जिन्होंने हिन्दुस्तान का कुछ पश्चिमी भाग अपने अधिकार में रक्खा और अपने नाम का सिक्का चलाया। उनके नाम ये हैं—

१ ताजुद्दान इल्दज़
२ अलाउद्दीन मुहम्मद ख़ारिज़मी

३ जलालुद्दीन मनकबरनी

४ चंगेज़ ख़ां
५ हसन क़रलघ
६ उज़बेग पाई
७ नासिरुद्दीन कुबाचा

१—ताजुद्दीन इल्दज़। यह पहले पठान बादशाह मुहम्मद बिन साम की तरफ़ से करमान और ग़ज़गी का सूबेदार था। वहां से जब इसे अलाउद्दीन मुहम्मद ख़ारिज़मी ने निकाल दिया तब यह पञ्जाब में आया और यहां इसने अपने नाम का सिक्का चलाया। इसके कई सिक्के पाये गये हैं। उनमें से दो में, एक ओर उसका नाम और खिताब आदि है और दूसरी ओर एक घुड़सवार के नीचे "स्त्री हंमीरः" है।

२ अलाउद्दीन मुहम्मद ख़ारिज़मी। ग़ज़नी, हिरात और पेशावर आदि की टकसालों से इसने कई प्रकार के सिक्के, सोने और चाँदी के, चलाये। उन सब पर धर्म्म के निशान