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साहित्य-सीकर

किसी वक्तृता अथवा किसी विशेष घटना पर विचार करते समय उसकी सब से अधिक महत्वपूर्ण बातों का ध्यान में आ जाना, उत्तम शिक्षा, और विद्या की प्रत्येक शाखा का जहाँ तक हो अधिक ज्ञान—इन्हीं गुणों की सम्पादक के लिये सब से अधिक आवश्यकता है; इसके बिना सम्पादक का काम अच्छी तरह नहीं चल सकता।"

व्यस्ट मिनिस्टर गैजट के सम्पादक, जे॰ ए॰ स्पेंडर, की राय है—"लिखने की अच्छी योग्यता, दृढ़प्रतिज्ञ, जिस समाचार-पत्र से उसका सम्बन्ध हो, अथवा जिसके लिये उसे लेख लिखने पड़ते हों, उसके सिद्धान्तों के अनुसार अपनी बुद्धि से काम लेने की शक्ति और व्यवसाय तथा व्यवहार-सम्बन्धी बातों का यथेष्ट ज्ञान। जीवन-सम्बन्धी और सामाजिक बातों में तजरिब का होना तथा साहस। नये सम्पादक के लिये इन्हीं गुणों की आवश्यकता होती है। इनके होने से वह अपने व्यवसाय में कामयाब हो सकता है"।

पालमाल गैजट के सम्पादक, सर डगलस स्ट्रेट, कहते हैं—"और मामूली बातों के सिवा, नये सम्पादक, को सख्त काम और नाउम्मेदी का सामना करने के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिये। उसे अपने कर्तव्य का सबसे अधिक ख़याल होना चाहिये। जिस काम में वह हाथ डाले उसे जी जान से करना चाहिये"।

पीपुल के सम्पादक, गोजे हटन, अपनी सम्मति में सर एडविन आर्नल्ड से ये वाक्य उद्धृत करते हैं—

"सम्पादक के लिये सब प्रकार की विद्या, ज्ञान और तजरिबे की जरूरत होती है। कोई बात ऐसी नहीं जिसका उपयोग उसे न होता हो"। हटन साहब की निज की राय यह है कि सब प्रकार की शिक्षा—विशेष करके व्यापार विषयक—सम्पादक के बड़े काम आती है। इन