पृष्ठ:सितार-मालिका.pdf/९५

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ग्यारहवाँ अध्याय तीन ताल के अतिरिक्त अन्य तालों में गतें निर्माण करने का क्रम अब तक जितने भी ढांचे दिये हैं वह केवल तीन ताल की गतों के लिये हो थे। वैसे ८०-६० प्रतिशत सितार वादक तीन ताल की गते ही बनाते हैं, परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि सितारिया अन्य तालों को बजाये ही नहीं। यदि आप हमारे बताए हुए ढंग से गतों का निर्माण करना मीख लेंगे तो आप किसी भी राग में, किसी भी ताल को उसी तैयारी के साथ बजा सकेंगे जैसी तैयारी से आप तीन ताल बजाते हैं। इसके लिये भी तीन ताल की भाँति कुछ ढांचे देखिये। जितनी मात्रा में गति बजानी हो, उतनी मात्रा में ही 'दिड दाड़ा' आदि से ढांचे रच लेते हैं। उदाहरण के लिये एक सनवंशीय गति का ढांचा १५ मात्रा में देखिये:- पन्द्रह मात्रा में गति बनाना- दाई दाड़ दाड़ दा दारा द्वारा दारा | दादिर दिरदिर दा-रदा -दा- x ३ ५ 5 दिरदिर दा-रदा -रदा- दारा ६ १० X ४ . चौदह मात्रा में गति बनाना--- अब हम तीन ताल की सोलह मात्राओं में से ही घटा-बढ़ा कर आड़े चौताले के लिये एक-दो ढांचे तैयार करते हैं। ३ दा दिड दा रा दा दा रा दा रा दा दिर दा दा रा २ ११ १२ १३ १४ यह ढांचा सम से प्रारंभ किया गया है। आप चाहें तो इसे किसी भी मात्रा से प्रारंभ करके चौदह मात्राएँ पूरी कर सकते हैं। जैसे:- on ५ X २ ० ३ दिड दा दिड दा ड़ा दा रा दा रा दा दिड दा दा रा ७ ६