पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/१०१

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ने उसमें दिलचस्पी दिखाई। यह घटना सन् १७५.८ में हुई, तब से अब तक पचास वर्षों से निरन्तर भारत में जो भी युद्ध हो रहे हैं, उनमें थोड़ा बहुत फ्रान्स के विरुद्ध प्रात्मरक्षा का ही भाग है। इसी से यद्यपि ये युद्ध ब्रिटिश राज्य के नाम पर या खर्चे से नहीं किए जा रहे, पर इनमें राष्ट्रीय तत्वों का समावेश अवश्य है । इसी से कम्पनी की सेना को ब्रिटेन की राजकीय सेना की सहायता मिलती रही है।" "तब तो हिन्दुस्तान के अतिरिक्त ब्रिटेन ने जो उपनिवेश स्थापित किए हैं, उनमें और भारत पर अधिकार करने में बहुत अन्तर है ।" "बेशक ! उपनिवेश बसाने के लिए निस्सन्देह विस्तृत भूमि पर अधिकार किया गया था, परन्तु भारत की तुलना में वह खाली भूमि ही थी, वहाँ ब्रिटेन को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा-वहाँ के निवासियों के कारण नहीं, अन्य योरोपियन राष्ट्रों की प्रतिद्वन्दिता के कारण।" "तो हिन्दुस्तान की हालत इस से बिल्कुल जुदा है, आप यह कहना चाहते हैं ?" "हक़ीकत भी यही है, मेजर फेजर । यहाँ की आबादी घनी है, सभ्यता प्राचीन है, वह यूरोप के प्राचीनतम इतिहास से भी अधिक प्राचीन और गौरवयुक्त है। भारतीय जनता को जीतना, जिसकी भाषा और धर्म हम आक्रमणकरियों से भिन्न है, क्या अनोखी-सी बात नहीं है ?" "अनोखी तो है ही। मैं जानता हूँ कि स्पेन की समूची शक्ति अल्प- संख्यक निवासियों के डच प्रदेशों को नहीं जीत सकी थी।" "इसके अतिरिक्त यह भी तो सोचिए कि जिस समय हिन्दुस्तान पर क्लाइव ने फतह हासिल की थी, उस समय हम ने अपनी जाति के तीस लाख आदमियों को अमेरिका में अपने वश में रखने के अयोग्य प्रमाणित कर दिया था।" "बेशक, अमेरिका की लड़ाई में ब्रिटेन ने जिस भारी अयोग्यता का परिचय दिया था, वैसी उसकी अयोग्यता कभी प्रकट नहीं हुई थी। इससे १०४