पृष्ठ:सोना और खून भाग 1.djvu/२७४

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी के ऊपर अनुज्ञा हुई कि ईस्ट इण्डिया कम्पनी अवध के बादशाह को ऋण का रुपया अदा करे तथा अवध के बादशाह ऋण- दाताओं को ऋण अदा कर दें। वह ऋण अवध राज कोष से अदा कर दिया गया था, पर आनरेबुल ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने वह रकम अभी अदा नहीं की है। तथा इसके अतिरिक्त अवध के राजकोष से और भी ऋण आनरेबुल कम्पनी की सरकार को भेंट किया गया है। वह सब, या उसका एक जुज़ यदि आनरेबुल कम्पनी अवध को अदा कर के हमारी सहायता करे तो-तो हम रियाया की वहबूदी के लिए उसे काम में लाएँ।" लार्ड वैटिक का चेहरा क्रोध से तमतमा गया। उसने कहा-"वजीरे अवध को मालूम हो,-कि आनरेबुल ईस्ट इण्डिया कम्पनी अवध राज्य की अधिराज है । और यह ज्यादा ठीक होगा-कि वह तमाम अख्तिया- रात मय पूरे खजाने के अपने हाथ में ले ले-और देखे-कि कौन सा क़र्जा किस तरह चुकाया जा सकता है। इस के अलावा हिज मेजस्टी के लानतान और फजूलखर्चियां भी ऐसी हैं-जिन से रियासत की बेहतरी का कोई ताल्लुक नहीं है। चूंकि आनरेबुल कम्पनी ने हिजमेजस्टी को बादशाह बनाया है, उसे यह पूरा हक है कि वह उन्हें उससे बर-तरफ भी कर दे। फिलहाल जो शिकायतें हमारे पास पहुंची हैं, उनसे साफ प्रकट होता है कि हिज मेजस्टी सलतनत का बोझ उठाने योग्य नहीं हैं-इस लिए क्यों न सलतनत को ब्रिटिश अधिकार में ले लिया जाय ।" हकीम महदीअलीखां निरुत्तर हुए । बादशाह ने अाँखों में आँसू भर कर कहा-"आप मेरे ऊपर इस क़दर सख्ती करेंगे, यह मैंने उम्मीद नहीं की थी। अब तो मैं आप के रहम पर ही उम्मीद कर सकता हूँ। मैं बादशाह हूँ और मैं अब अपने शाही फर्ज से गाफिल न रहूँगा।" "तो ज़्यादा बेहतर होगा, कि एक अंग्रेज़ कमिश्नर वजीर हकीम महदी अली के सलाह मश्वरे को मुक़रिर कर दिया जाय और वजीर अवध उसकी राय से सब इन्तजाम करें। साथ ही हिज मेजस्टी वादा करें कि वह २७८