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सरेआम कत्ल कर डाला जाए। और बाकी सब गुलाम बोली की डाक पर बेच डाले जाएँ। जो बिकने से बच रहें, उन्हें गज़नी की ओर बेचने के लिए रवाना कर दिया जाए।" अमीर के इस हुक्म से लोगों के दिल दहल गए। चण्ड शर्मा ने आँखों-ही-आँखों में छद्मवेशी महता को संकेत किया। और महता सिपाहियों की तरफ से हटकर एक ओर को चल दिए। बहुत-सी बातों पर विचार करके चण्ड शर्मा ने इस सम्बन्ध में अमीर से एक शब्द भी नहीं कहा। अमीर तख्त से उठकर महल में चला गया। आज उसका मुँह भरे बादलों के समान भारी हो रहा था।