पृष्ठ:स्टालिन.djvu/३७

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] [बत्तीस साहित्य का अधिक ज्ञान हो। किन्तु क्रियात्मक क्षेत्र में उनके सामने मेरा कोई महत्व न था। उन्हीं लोगों के तत्वाधान में मैने कान्तियों में भाग लेना सीखा। आप सब लोग जानते है कि तफलस के मजदूर मेरे सबसे प्रथम गुरु थे और अब ३० वर्ष के बाद उन्हें मैं फिर धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने उस समय मुझे अपना शिष्य बनाना स्वीकार किया था।" यद्यपि रूस के डिक्टेटर ने तालस में अपने क्रान्तिकारी जीवन का अति सूक्ष्म वर्णन किया है, तथापि यदि ध्यान पूर्वक देखाजावे तो वह यही चमत्कारी नौसिखिया था जिसने सर्व प्रथम तफलस में मजदूरों के आन्दोलन को वृहत् रूप में व्यवस्थित किया। शहर के बीच में एक गली थी जिसका नाम अन्धेरा बाजार प्रसिद्ध था। इस स्थान पर असंख्य दुकानों की श्रेणी थी। इस भाग का यह नान इस कारण पड़ गया था कि यह दूकानें वर्ष भर सूर्य के प्रकाश से वञ्चित रहा करती थी, किन्तु इन दुकानों में इतना अधिक व्यापार होता था कि संसार की बड़ी २ मंडियां भी इनके मुकाबले में हेच समझी जा सकती थीं। यहां से सुदूरपूर्व का माल लन्दन, पेरिस और बर्लिन तक जाया करता था। इन दुकानों में न्यूनाधिक २० हजार गुमाश्ते काम करते थे। जोजेफ के जिम्मे यह कार्य सौंपा गया कि वह इन बीस हजार नवयुवकों को व्यवस्थित और संगठित करे। जोज़क ने जो विधि धारण की वह प्रबन्ध-शक्ति का उत्तम उदाहरण है। वह जानता था कि इन लोगों को बहुत अल्प वेतन मिलता है और इन्हें प्रात: उषाकाल से रात्री के घोर अन्धकार तक दूकानों के अन्दर काम करना पड़ता है । किन्तु वह यह भी जानता था कि वह किसी अज्ञात आन्दोलन के शब्दों को निश्शंक और विश्वासपूर्ण नहीं समझेगे। अतः उन्हीं जैसा बनने के लिये उसने