पृष्ठ:स्टालिन.djvu/४१

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20 क्रान्तिकारी क्षेत्र में प्रथम पग जोजेफ के जीवन संघर्ष की घटनाओं का दूसरा केन्द्र बातूम नगर बना । इसका वर्णन अगली पंक्तियों में किया जाता है। जोजक तफलस की पुलिस से बच कर भाग निकला और समुद्रीय तट पर बातम के एक छोटे होटल में रहने लगा। अब जो काय्ये उसे अपनो पार्टी के लिये करना पड़ा वह पहले की अपेक्षा अधिक भयंकर और उत्तरदायित्व पूर्ण था। सप्ताह में दो बार मुसाफिरों के जहाज फ्रांस और जर्मनी के बंदरों से बातूम आते थे और प्रत्येक जहाज कुछ-न-कुछ क्रियात्मक सामग्री इस पार्टी के लिये अवश्य लाता। इस पार्टी का मुख्य नायक लंदन में बठा हुआ था और वहीं से अस्करा-पत्र (चिगारी पत्र ) को प्रकाशित करता था। पत्र के मुख्य पृष्ठ पर निम्न लिखित अथ बोधक वाक्य अंकित रहता था। "वह चिगारी, जिसे भविष्य में एक धधकते अंगारे का रूप धारण करना है।" असंख्य प्रकाशित पत्र विदेशी जहाजों की सहायता से यहां पहुँचते रहते थे। जहाजों पर काम करने वाले नाविकों में इस पार्टी के कई व्यक्ति थे। अतः इन पत्रों के लाने में कोई विशेष विलम्ब न हो पाता था। किन्तु उधर पुलिस भी बेखबर