पृष्ठ:स्टालिन.djvu/४२

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इकतालीस] [ *** नथी। उसके आदमी हर एक बन्दर की निगरानी करते रहते थे और पत्रों का कोई बंडल कठिनता से उनकी मांखों से बच पाता था। यह दशा देख कर पार्टी के सदस्य नाविकों ने पत्रों के संरक्षण का एक अन्य साधन जुटाया। जहाज के बन्दरगाह में प्रवेश करने से पूर्व ही वह जन्त काराजों का एक ऐसा पुलिन्दा बना कर समुद्र में फेक देते जिस पर पानी कुछ असर न कर सके। पार्टी के अन्य कार्यकर्ता नावों पर चढ़ कर पास पास फिरा करते थे। वह जहां ऐसे बंडल को पानी में तैरता देख्ते तुरन्त निकाल लेते। कभी २ इन बण्डलों में समाचार पत्रों के स्थान पर बढ़ी २ पत्रिकाएं अथवा हथियार भी रख दिये जाते थे। कभी ऐसा भी होता था कि एक पूरा छापेखाना टुकड़े २ करके इसमें सुरक्षित रख दिया जाता था, जिससे पार्टी के कार्यकर्ता रूसी प्रदेश में अपनी पत्रिकाएं इसके द्वारा प्रकाशित कर सकें । सार्वजनिक बापेखाने पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगे हुये थे और उनमें इस प्रकार का प्रकाशन करना कठिन था। निस्सन्देह यह कार्य अति भयंकर था, क्योंकि यदि इस वरह का सामान किसी व्यक्ति के पास मिल जाता तो पुलिस सको साइबेरिया में निर्वासित किये बिना न रहती। किन्तु जोन फ युवक था। उसने इस कार्य को अत्यन्त साहस और लगन के साथ प्रारम्भ कर दिया। शीघ्र ही उसने सिद्ध कर दिखाया कि वह क्रान्ति की शिक्षा में पूर्ण शिक्षित हो चुका है। उसका नियम था कि जब कभी किसी मोर्चे को सर करने रवाना होता तो पहले से ऐसा प्रबन्ध कर लेता कि पुलिस को उस पर किसी प्रकार की शंका न हो पाती। अब कभी वह नाव पर बैठ कर किसी ऐसे कार्य के लिए