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[बावन समय ऐसा प्रतीत होता था कि रूस का स्वतंत्रता आन्दोलन सदा के लिये समाप्त हो जाने वाला है। यह वह समय था जब बोल्शेविक पार्टी ने पुराने निहलिस्टों के उन्हीं कठोर उपायों का प्रयोग किया, जिनको कुछ वर्ष पूर्व लेनिन ने अत्यन्त बुरा बतलाया था। रूस के बड़े २ नगरों में बम फटने लगे। अनेक गवर्नर, पुलिस अधिकारी और जार सरकार के अन्य प्रतिनिधि अधिकारी रूस के इन क्रान्तिकारियों की कार्यवाहियों का शिकार हुए। यदि उस समय की पूर्ण रक्त. मयी सूची को प्रस्तुत किया जावे तो वह पर्याप्त लम्बो होगी। जिन व्यक्तियों ने स्टालिन के जावन-वृत्तान्त लिखे हैं, इस विषय में वह सब सहमत हैं कि उसने इन आतङ्क कार्यों में महत्वपूर्ण भाग लिया था। लेकिन इसके साथ ही वह सब इस बात से भी सहमत हैं कि उसके हाथ से कभी कोई ऐसा बम नहीं फेंका गया, जिससे जारशाही का कोई ऐसा अधिकारो मारा गया हो, जितके मारे जाने का निर्णय दल की ओर से किया जा चुका था। उसके काय की परिधि एक बिल्कुल ही विभिन्न क्षेत्र तक सीमित रही। इसी समय दल की ओर से बहुत बार देश के विभिम भागों में सरकारी कोष और कर-कार्यालयों पर व्यवस्थित आक्र. मण किये गए। ऐसा ही एक प्राक्रमण तफलस में भी हुआ। इसका स्पष्टीकरण उस समय के दो समाचार पत्रों में आज तक सुरक्षित है, जिनके उद्धारण यहां दिये जाते हैं- रूस के सरकारी सम्वाददाता ने निम्न समाचार प्रका- शित किया था- "तफलस नगर के मध्य में एरी वरन चौक में २५ जून, १९०७ को ऐसे समय १० बम फटे, जबकि ट्रफिक जोरों पर था। यह