पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/२३४

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ख़्याल में रख कर हम स्त्रियों से जितनी होशियारी की उम्मीद रख सकते हैं, उतनी अपनी होशियारी उन्होंने निर्विवाद सिद्ध कर दी। निस्सन्देह इस समय के चित्रकारों से पुराने चित्रकार कहीं अच्छे थे, इसका कारण यह है कि इस समय के चित्रकारों की अपेक्षा अधिक बुद्धिमान् मनुष्य उस समय चित्रकारी पर ध्यान देते थे। चौदहवीं और पन्द्रहवीं शताब्दी के इटली के चित्रकार अपने समय के महा निष्णात व्यक्ति थे। प्राचीन ग्रीस के नेताओं के समान ये चित्रकार भी सब विद्याओं में प्रवीण थे, और उनकी बुद्धि विशाल और उच्च प्रति की थी। साथ ही उस ज़माने में ललितकलाओं का सम्मान सब से अधिक था। आज-कल लोग राजनीति और युद्धकला में प्रवीण व्यक्ति को जो सम्मान देते हैं, वही सम्मान उन समयों में ललितकलाओं में प्रवीण व्यक्तियों को दिया जाता था। राज्य-दर्बारों में अमीर-उमराओं और सरदारों की तरह उनकी इज्ज़त की जाती थी। उनकी कीर्त्ति चारों ओर फैल जाती थी और वे संसार का उपकार करने वाले माने जाते थे; इसलिए इस समय रेनाल्डम या टर्नर के समान बुद्धिमान् पुरुषों का चित्रकारी पर ध्यान देने का उदाहरण हमें देखने को नहीं मिलता। संगीत-कला इस से न्यारी चीज़ है। उस में चित्रकारी के समान ऊँची बुद्धि की कोई आवश्यकता नहीं होती। इसलिए कोई स्त्री संगीत-रचना के काम में सुप्रसिद्ध नहीं हुई,-सम्भवतः, यह बात अचम्भे से