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पृष्ठ:स्त्रियों की पराधीनता.djvu/८५

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नियमानुसार किसी को किसी काम के अयोग्य बना देना एक सत्ताधीश का योग्य कार्य नहीं है––अर्थात् गवर्नमेण्ट इस बात का निर्णय करे यह उचित नहीं। यदि कहीं कभी इस बात का सरल कारण भी मिल जाय कि अमुक वर्ग के मनुष्य अमुक कार्य के योग्य नहीं हैं, फिर भी वह मानने के लिए कोई कारण नहीं मिल सकता कि यह अनुमान सब जगह समान रीति से ही लागू हो सकेगा। यदि थोड़े समय के लिए हम इस बात को स्वीकार भी कर लेवें कि बहुत से उदाहरणों में से कोई इस प्रकार का अनुमान सच होगा, फिर भी ऐसे अपवाद रूप थोड़े बहुत उदाहरण निकल ही आवेंगे जिनमें यह अनुमान पूरा नहीं उतरता होगा, और इस बात के लिए ही उनके विषय में नियम बनाने की प्रथा का काम में लाना––यानी अपनी-अपनी शक्ति का सब से अधिक लाभ उठाने की व्यक्ति की स्वतन्त्रता पर अङ्कुश रखना तथा उसके मार्ग में बाधाएँ खड़ी करना, उन-उन व्यक्तियों के प्रति अन्याय का बर्ताव करना है, उनका नुक़सान करना है, बल्कि उससे मनुष्य-समाज की भी हानि है। दूसरी ओर जो मनुष्य सचमुच उस काम के अयोग्य होगा, वह अपने आप उस काम में हाथ न डालेगा; काम की ओर प्रेरणा करने वाले जो हेतु मनुष्य के भीतर होते हैं, वे हेतु ही उस काम से उसे हटावेंगे, फिर भी यदि कोई मनुष्य बिना विचार अयोग्य काम को शुरु कर ही देगा तो परिणाम में उसे बिल्कुल लाभ