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पृष्ठ:हड़ताल.djvu/११८

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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

मिसेज़ रॉबर्ट

[बड़े कष्ट से बोल कर]

बहुत से आदमी तो कभी शराबख़ाने की तरफ़ ताकते ही नहीं। लेकिन उन की बचत भी बहुत कम होती है। और यदि कोई बीमार पड़ गया तो वह भी गायब हो जाती है।

एनिड

लेकिन उन के क्लब भी तो हैं?

मिसेज रॉबर्ट

क्लब एक परिवार को हफ़्तों में केवल १८ शिलिंग देता है। और इतने में क्या होता है। रॉबर्ट कहते हैं मजूर लोग हमेशा फ़ाकेमस्त रहते हैं। कहते हैं आज का ६ पेन्स कल के १ शिलिंग से अच्छा है।

एनिड

लेकिन इसी को तो जुआ कहते हैं।

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