पृष्ठ:हड़ताल.djvu/१३१

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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

रॉबर्ट

मिस्टर ऐंथ्वनी भी तो हार नहीं मानते। चाहे मुँह से कुछ ही क्यों न कहें।

एनिड

बहर हाल आप को अपनी पत्नी पर दया करनी चाहिए।

[मिसेज़ रॉबर्ट जो कि छाती को हाथ से दबाए हुए है, हाथ उठा लेती है, और साँस रोकना चाहती है]

रॉबर्ट

इस के सिवा मुझे और कुछ नहीं कहना है।

[वह रोटी उठा लेता है, दरवाज़े की कुंडी खटकती है और अन्डरवुड अन्दर आता है। वह खड़ा होकर उन की तरफ़ ताकता है। एनिड फिर कर उस की तरफ देखती है, और दुबिधे में पड़ जाती है।]

अंडरवुड

एनिड!

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