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अङ्क २]
[दृश्य २
हड़ताल

रॉबर्ट

साइमन हारनेस साहब बड़े चतुर आदमी हैं लेकिन मौक़ा निकल गया।

[दृढ़ विश्वास से]

मगर साइमन हारनेस साहब जो चाहे कहें, टामस साहब जो चाहे कहें, राउस साहब जो चाहे कहें, मैदान हमारे हाथ है।

[समूह और समीप आ जाता है और उत्सुक हो कर उस की ओर देखता है।]

तुम से पेट की तकलीफ नहीं सही जाती। तुम भूल गए कि यह लड़ाई किस लिए छिड़ी। मैं तुम से कितनी ही बार बतला चुका हूँ; आज एक बार और बताए देता हूँ। यह इस देश के रक्त और मांस और रक्त चूसने वालों की लड़ाई है-एक तरफ़ वह लोग हैं जो मुँह से निकलने वाले हरेक साँस और हाथ से चलने हरेक चोट के साथ अपनी देह घुलाते हैं, दूसरी तरफ़ वह जन्तु है जो उन का मांस खाकर मोटा हो रहा है और दयालु प्रकृति के नियमानुसार दिन दिन फूलता चला जाता है। यह जन्तु पूँजी है! यह वह चीज़ है जो आदिमियों के माथे का

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