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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल
ऐंथ्वनी
मैं ने सुना तुम रॉबर्ट्स के घर गई थीं।
एनिड
जी हाँ।
ऐंथ्वनी
तुम जानती हो कि इस खाई के पार करने की चेष्टा करना कितना कठिन है।
[एनिड कुरते को छोटी मेज़ पर रख देती है, और उसके सामने ताकती है]
जैसे कोई चलनी को बालू से भरे!
एनिड
ऐसा न कहिए दादा।
ऐंथ्वनी
तुम समझती हो कि अपने दस्तानेदार हाथों से तुम देश की विपत्ति को दूर कर सकती हो।
[वह आगे बढ़ जाता है]
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