पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२२९

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल

[वाइल्डर और वेंकलिन भी बैठते हैं और टेंच एक सीधे तकिए की कुर्सी खींचकर प्रधान के पास रजिस्टर और कलम लेके बैठ जाता है।]

एनिड

[धीरे से]

मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ, टेड।

[दोनों दुहरे दरवाज़ों से बाहर चले जाते हैं]

वेंकलिन

सच्ची बात यह है, प्रधान जी, अब इस भ्रम से अपने को तसकीन देना कि हमारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता उचित नहीं है। अगर आम जलसे के पहिले इस हड़ताल का अन्त नहीं हो जाता तो हिस्सेदार लोग हमारी बुरी गति बनायेंगे।

स्केंटिलबरी

[चौंककर]

क्या! क्या बात है?

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