पृष्ठ:हड़ताल.djvu/२६९

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अङ्क ३]
[दृश्य १
हड़ताल


और ऐंध्वनी को चेहरा मरोड़-मरोड़ कर देख रहा है पीछे पीछे जाता है। एडगार सोफा पर बैठा हुआ ज़मीन की तरफ़ ताकता रहता है। टेंच दफ्तर में लौटकर कार्यवाही का रजिस्टर लिखता है। हार्निस छोटी मेज़ के पास खड़ा रॉबर्ट को गम्भीर भाव से देखता रहता है।]

रॉबर्ट

तो अब आप इस कंपनी में प्रधान नहीं है।

[पागलों की तरह हँसकर]

हा हा––हा! उन सबों ने आप को निकाल बाहर किया। अपने प्रधान को भी निकाल बाहर किया। हा––हा हा!

[भीषण धैर्य के साथ]

सो हम दोनों निकाल दिए गए, मिस्टर ऐंथ्वनी।

[एनिड दुहरे दरवाज़े से लपकी हुई अपने बाप के पास आती है और उसके पास झुक जाती है]

हार्निस

[रॉबर्ट के पास आकर और उसकी आस्तीन पकड़कर]

तुम्हें शर्म नहीं आती, रॉबर्ट? चुपके से घर जाव, भले आदमी, घर जाव।

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