पृष्ठ:हड़ताल.djvu/९९

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अङ्क २]
[दृश्य १
हड़ताल

उठे। ईश्वर की मर्जी थी! तब हर्जाने वाला क़ानून न था।

मिसेज़ यो

क्या उस जाड़े में कोई हड़ताल नहीं हुई थी?

[विकट हास्य के भाव से]

यह जाड़ा तो मेरे लिए बहुत बुरा है। क्यों मिसेज़ रॉबर्ट, सर्दी खूब पड़ रही है या अभी जी नहीं भरा? क्यों मिसेज बल्जिन, भूख लगी है न?

मिसेज़ बल्जिन

चार दिन हुए हमने रोटी और चाय खाई थी।

मिसेज़ यो

शुक्र की धुलाई वाला काम तुम्हें मिला या नहीं?

मिसेज़ बल्जिन

[दुखी होकर]

उन्होंने मुझे काम देने का वादा तो किया था, लेकिन शुक्रवार को गई तो कोई जगह ही न थी। अब मुझे अगले हफ़्ते में फिर जाना है।

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