पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१४९

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१३८ भिगो रंग निकाल लो, फिर उक्त तीनों को मिला कपड़ा रंग लो । ११- काक रेजी-- पतंग सवा पाव, महावर आध पाव, हिरमिजी और माजू फल मिला कर तीन छटाँक, इन सब को दो सेर पानी में श्रौटा कर छान लो फिर इसमें कपड़ा रंग लो। १२--खाकी रंग पक्का-- प्राध पाव हर्रा के चूर्ण को पाँच सेर पानी में श्राध घण्टे खोला कर सत बनाओ, फिर उसमें कपड़े को डुबो दो। इसके बाद लाल कसीस, पाँच सेर पानी में घोल कर कपड़े को भिगोकर सुखा लो । -- अध्याय आठवां घर सामान सजावट और व्यवस्था यद्यपि यह बात बहुत जरूरी है कि अपना नित्य का जीवन बिल्कुल सीधा-सादा और आडम्बर शून्य रहे पर फिर भी जो कुछ सामान हो, वह ढंग का हो, आवश्यक हो और सुरुचि-सम्पन्न हो । बहुधा हम देखते हैं कि लोग अपने लिए अच्छे सामान का चुनाव नहीं कर सकते । बहुतों की तो ऐसी आदत होती है कि जो चीज तड़क-भड़क की सस्ती मिली उठा लाते हैं। चाहे उसकी जरूरत नहीं हो। बहुधा साहब लोगों की पुरानी चीजें नीलाम में ले आते हैं और उनका उल्टा सीधा उपयोग करते हैं । इससे कभी-कभी घरों की शोभा बढ़ने के स्थान पर भद्दी हो जाती है। आलमारी, तख्त, तिपाइयाँ, कुसी, हिंडोले, सन्दूक, हन्डियाँ, झाड़, फानूस, शमादान, गह, मनसद, कालीन ये सब चीजें सजावट के मतलब की भी हैं और काम की भी। पर यदि घर को अंग्रेजी ढंग पर सजाना है तो उसे पूर्णतया उसी रीति से सजाना चाहिए ।