पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१५

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११-नाव, ३-ठीक निशाना लगाना । ४-व्यूह रचना करना । ५~-हाथी, घोड़े,, मेंदे को लड़ाना। व्यवहार सम्बन्धी ४४ कलाएँ 1-~ध्यान, प्राणायाम, आसन आदि के प्रकार । २-हाथी, घोड़ा, स्थ आदि चलाना । ३-मिट्टी और काँच के बर्तनों को साफ रखना । ४---लकड़ी के सामान पर रंग-रोगन लगाना और सफाई करना । ५- धातु के बर्तनों को साफ करना और उन पर पालिश करना । ६-चित्र बनाना । ७--तालाब, बावड़ी, मकान आदि बनाना । --घड़ी, बाजों और दूसरी मशीनों की मरम्मत करना । --वस्त्र रंगना । १६-भभके से अर्क खींचना । रथ और दूसरी सवारियां चलाना । १२-रम्से बनाना । १३--रुई धुनना, मूत कातना और कपड़ा बुनना । १४--जवाहरात की खोटे-खरे की परग्व करना । १५-सोना-चाँदी की खोटे-खरे की पहचान करना । १६-नकली सोना-चाँदी, हीरा-मोती --जेवरों पर पालिश करना, उजालना । १८ -चमड़े की चीजों पर पालिश करना । १६--पशुयों की खालों को कमाना । २०--दूध दुहना । २१-घी, मक्खन निकालना । २२ कपड़े सीना । २३--तैरना । २४--घर को और घर के बर्तन तथा सामान को साफ रखना । २५---कपड़े धोना । २६--बाल-सफा बनाना और उसका उप- योग करना । २७ -मीठी-मीठी बातों से दूसरों को खुश करना । २८--बाँस, बेंत और तिनकों से टोकरी, पंखे श्रादि बनाना । २६-- काँच के बर्तन बनाना । ३०--वृक्षों में जल सींचना । ३१---हथियार बनाना । ३२-~-गहें, जीन, तकिये बनाना । ३३-बीजों से तेल निका- लना । ३४---बीज बोना । ३५--वृत्तों पर चढ़ना । ३६-बच्चों को पालना ।३७-चाबुक-बंत लगा कर अपराधियों को दण्ड देना । ३८- भाँति-भाँति के अक्षर लिखना । ३६-पान सम्हाल कर रखना। ४०- सब कामों को झटपट सफाई से करना । ४१ विशेष कामों को धीरे-धीरे बनाना। १७--