पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/१५९

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स्वतन्त्रता और प्रतिष्टा नष्ट हो जाती है । वह दूकानदार का गुलाम बन जाता है ।(ठे और गँठ कतरे दूकानदार ही उधार का व्यापार करते हैं । सस्ते दूकानदार नगद माल बेचना ही पसन्द करते हैं। जिन लोगों को उधार सौदा खरीदने की चाट पड़ जाती है वे चाहे जब कीमती चीजें खरीद लेते हैं-पीछे उन्हें चुकाने के लिये फजीते और अपमान सहने पड़ते हैं। इसलिये फिजूल खची से बचने के लिये ३ बातों का नियम करो । १-जो चीज लेना चाहो उसके विषय में २५ बार मन में कहो "क्या इसके बिना काम नहीं चलेगा?" २-उधार कदापि मत लो। ३-क्या उस चीज की जगह घर में रक्खी किसी और चीज से मत- लब नहीं निकल सकता ? इसके सिवा नित्य अामद खर्च का हिसाब लिखो । प्रत्येक मास की पहली तारीख को अपने खर्च और ग्रामद का अनुमान बनायो और उसी के अन्दाज से काम करो। काम की बातें १--सरसों का (कडा) तेल लगाने से मिट्टी के तेल की हाथों की दुर्गन्ध नष्ट हो जाती है । फिर साबुन और गर्म पानी से हाथ धो डालना चाहिये। २--यदि हाथ में तारकोल का तेल लग जाय तो वह मिट्टी के तेल से फौरन ही दूर हो जायगा । मिट्टी के तेल की बू उक्त विधि से दूर हो सकती है। ३--प्रायः देखा गया है कि लालटेनों में खराबियाँ हो जाया करती हैं । वह ज्यादा धुआँ देने लगती हैं, जलने के दो या चार घण्टे बाद ही