२- -- रखा जाय कि मसूड़ों पर रगड़ न लगने पावे । दाँत, बाहर भीतर अगल- बगल सब तरफ से अच्छी तरह साफ कर लिये जाए। इसके बाद साफ- पानी से वारंवार कुल्ला करके मुंह और दाँत धो डाले जायं । -इसके बाद आँखों को धोने की आवश्यकता है। धीरे-धीरे पानी की छपकी देकर आँखों का सब मैल और चिपचिपाहट दूर कर देनी चाहिए । फिर धीरे-धीरे मलकर पलकों का मैल दूर कर देना चाहिए । इसके बाद मुंह, कान, गर्दन, गाल सब भाग भली भाँति रगड़ कर साफ कर लेने चाहिए। प्रायः लड़कियाँ कानों को साफ नहीं करतीं और कानों में मैल, गई, धूल भरी रहती है। इसलिए कानों को स्नान के समय अच्छी तरह साफ करना चाहिए। ३ सिर धोना लड़कियों के लिए बहुत जरूरी है । केश स्त्रियों का शृगार तो है, पर केशों की रक्षा करना बड़ा कठिन है। इस सम्बन्ध में हमारी योजना इस प्रकार है-- (क) प्रति दूसरे दिन लड़कियों का सिर अवश्य धोया जाय । (ख) धोने के लिए दही, बेसन, मुलतानी मिट्टी का प्रयोग किया जाय, साबुन का अधिक नहीं । (घ) बालों के बिलकुल सूख जाने पर थोड़ा साधारण तैल डाल कर सीधे बाल बाँध दिये जाँय । बालों को कस कर गूंथना या और जक- ड़ना ठीक नहीं। बालों में नित्य बार-बार कंघी डालनी चाहिए। कंघी से बालों को झटकना चाहिए । (ङ) सप्ताह में एक बार बालों को बढ़िया साबुन या शेम्पू द्वारा साफ किया जाय। स्नान के बाद कन्याओं को कुछ गायन, भजन और मन्त्र, श्लोक श्रादि कण्ठ करा कर नित्य मधुर स्वर से गाने का अभ्यास और रुचि पैदा करानी चाहिए । गायन सुरुचिपूर्ण, देशभक्ति, ईश्वरभक्ति और विद्या-
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