पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२६ फिर दाँतों और जीभ को साफ करो, मंजन लगा कर नीम या बबूल की दातुन से इस तरह साफ करो कि मैल बिलकुल न रहे। जो लोग दाँत साफ नहीं करते उनके दाँत मैले और गन्दे रहते हैं और मुंह से दुर्गन्ध अाया करती है । उनके दाँतों की जड़ों में एक तरह के कीड़े पैदा हो जाते हैं जो दाँतों में दर्द और पीप पैदा कर देते हैं। फिर दाँत खराब होकर जवानी ही में टूट जाते हैं या उखड़वाने पडते हैं। हाथ मुह धोकर पैर भी अच्छी तरह धो लेने चाहिये । व्यायाम शौचादि से निपट कर थोड़ा व्यायाम भी करना चाहिये । इससे रग, पढे मजबूत होते हैं, शरीर सुडौल और चुस्त होता है, भूख खूब बगती है, खाना आराम से हनम होता है और खून साफ होता है। परन्तु हद से ज्यादा व्यायाम नहीं करना चाहिए । जब शरीर थका सा दिखाई दे तो फौरन बन्द कर दो। व्यायाम चाहे जैसा हो-दौड़-धूप, खेल-कूद, डंबल, दंड, मोगरी, बाठी घुमाना आदि। घर के कामों में चक्की पीसना, पानी खींचना, धान कूटना, दूध बिलोना, अच्छे व्यायाम हैं। तैरना भी एक अच्छा व्यायाम है, इससे कद लम्बा होता है । छाती और हाथ पैर मजबूत होते हैं । परन्तु यह व्यायाम गरमी के दिनों में करना चाहिए। भोजन करने के दो घण्टे पीछे तक व्यायाम नहीं करना चाहिए। व्यायाम करने के बाद तेल की मालिश करनी चाहिए, इससे शरीर मजबूत होता है और खाल की बीमारियां दाद खुजली आदि नहीं होती।