पृष्ठ:हमारी पुत्रियाँ कैसी हों.djvu/४१

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३० ४-फिटकरी या निमली के बीज पीस कर पानी में घोल देने से गन्दगी नीचे बैठ जाती है। पानी के बर्तन-पानी मिट्टी या तांबे के बर्तनों में रखना चाहिए। मिट्टी के बर्तन में पानी साफ और ठण्डा रहता है क्योंकि उसमें हवा जाती रहती है। अगर बर्तन के सूराख बन्द हो जाँय और पानी की तरी बाहर न आवे तो बर्तन बदल देना चाहिए । तांबे के बर्तन भी जल को निर्मल रखने में बड़े उपयोगी हैं। हर रोज प्रातःकाल ताजा पानी भर कर रख लेना चाहिए और बर्तन हर वक्त ढके रखने चाहिए । बासी या कई दिनों का रखा हुश्रा पानी नहीं पीना चाहिए। हवा मनुष्य जीवन के लिये तीन वस्तुएं बहुत ही आवश्यक हैं, खुली हवा साफ पानी और उत्तम भोजन । पानी और खाने से भी हवा ज्यादा जरूरी है क्योंकि पानी के बिना मनुष्य दो-चार दिन जीवित रह सकता है और बिना खाने के १० दिन तक जीते रहने के प्रमाण मिले हैं, परन्तु हवा बिना तो पांच मिनट भी नहीं चल सकता । हवा का साफ होना निहायत जरूरी है। गन्दी हवा में साँस लेने से दम घुटता है। खुले स्थानों में जहाँ गन्दगी न हो, हवा साफ और निर्मल रहती है। जैसे उत्तम निर्मल जल पीने से चित्त प्रसन्न होता है, ताकत बढ़ती है, उसी तरह निर्मल हवा भी शक्ति बढ़ाती है और मन को प्रसन्न रखती है। इसीलिये फेफड़ों की बीमारी में खास तौर से साफ हवा पहुँचानी चाहिए। सांस से बाहर भाने वाली हवा खराब होती है, क्योंकि उसमें खून की गन्दगी मिली हुई होती है। इस हवा में चिराग तक नहीं जल