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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१२१

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9 केशर.को खूब हल कर के दाल में छोड़ दो और मुँह बन्द कर पतीली अंगारों पर रख दो। मूंग की दाल- बनाने की. राजा शाही रीति यह है कि धुली दाल- १ सेर, धनिए की मींग २ तोला, लाल मिर्च ४ माशा, पानी में पीस अदहन तैयार करो। बर्तन कलईदार होना चाहिए । 'अदहन हो जाने पर दाल छोड कर मुँह बन्द कर दो। जब पानी जल जाय तब डेगची उतार कर अंगारे-पर रख दो। फिर आध पाव वादाम छीलकर खूब महीन पीस डालो और सवा सेर बढ़ियां दूध में घोल दाल में डाल दो। जब एक उफान आ जाय । तय करछी से अच्छी तरह दाल को घोट दो और शपाव ताजा मलाई डाल दो और ढांप दो। इधर दुसरे बर्तन में आध सेर घी गर्म कर के ६ माशा छोटी इलायची के दाने, चार फूल लोंग, और दो पत्ते तेज- पात का बधार तैयार कर उस बटलोई की दाल उसमें उँडेल दो फिर उपयुक्त नमक डाल दो। वाद को थोड़ी देर ढक दो। तव थोड़े, दूध में ४ माशा,केशर पीस कर नीचे ऊपर-चला कर छोड़ दो और कुछ देर दम पर रख कर उतार लो। यह दाल राजाओं के खाने योग्य है। उर्द की दाल- ताजा उर्द की धुली हुई दाल १ सेर, मलाई १ सेर, धनिए की मींग १.सेर, केसर ६ माशा, अदरख १ छ०, नमक २ तो० ४ माशा, सफेद जीरा८ माशा, छोटी इलायची ६माशा, छिले बादाम १ पाव, घी.१ पाव, दूध १छ । प्रथम दो सेर पानी में धनिया, मिर्च पीस कर अदहन चढ़ा दो। जब पानी खौल जाय तव दाल छोड कर तेज आंच से पकायो । जब पानी दाल के चरावर आ जाय १०६