कर उस पर मोटी कील गर्म कर काराज़ पर दबाओ। फिर वह काराज़ निकाल दूसरा काग़ज़ रख ऐसा ही करो। दो-तीन बार करने से दाग बिल्कुल छूट जायगा। तेल-घी तथा अन्य चिकनाई के दाग यदि फर्श पर पढ़ गए, हों तो इसके लिए एक अंगरेज़ी दवा-(Futtar's ean th) आती है। पानी में भिगो कर धब्बे पर लगा दो और एक-दो दिन उसी तरह पड़ा रहने दो। दूसरे दिन खुरच कर, हटा दो, धब्बा मिट जायगा । खड़िया मिट्टी के लेप करने से भी ऐसा ही लाभ होगा। स्याही के दाग फर्श से छुटाने की रीति यह है कि उसे सोख्ता से सोख लो। फिर उस जगह गाय या भैंस का दूध डाल कर खद्दर के रूमाल से खूब मलो । ऐसा करने से दारा छूट जायगा । मेज़ पोश पर स्याही यदि गिर जाय तो दुध ही से साफ करनी चाहिए। फर्नीचर को साफ करने के लिए दो झाड़न, एक ब्रश एक शामीलेदर (चमड़ा) काफी है। दो झाड़नों में से एक सामान को पकड़ने और दूसरा पोंछने या झाड़ने के लिए चाहिए । फर्नी- चर को जहां तक सम्भव हो हाथ से न पकड़ना चाहिये। पहले फर्नीचर को झाड़न से अच्छी तरह झाड़ो-ध्यान रखो कि छेदों और दरारों में से मिट्टी भलीभांति साफ कर लो। नहीं तो फर्नीचर वहीं से कमजोर होने लगेगा। बड़ी-बड़ी मेजें, बाल- मारी तो सिर्फ भाड़ने ही से साफ हो जाती हैं । पर कुसियाँ, टेबल के पाये, आल्मारियाँ और काठ की नक्शदार चीजें सिर्फ झाड़ने से साफ नहीं होती, इन्हें नर्मी से रगड़ कर पोछना चाहिये। नक्काशी के छोटे-छोटे छेदों को लकड़ी में कपड़ा लपेट- कर नर्मी के साथ भीतर से पोछना चाहिये। ५६२
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