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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/१७६

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1 यदि लकड़ी की चीज पर दारा पड़ गये हों तो जैतून के तेल , में स्प्रिट से रगड़ कर साफ करना चाहिये । लकड़ी के सामान पर जो लकीरें पड़ जाती हैं उनको सिरका और वेसलीन वरा- वर मिला कर रगड़ने से दूर किया जा सकता है। यदि लकड़ी के सामान में कीड़े लगने लगे हों तो मिट्टी के तेल से साफ करना चाहिये । ध्यान रहे कि तेल प्रत्येक छेद में पहुँच नाय । तुन की लकड़ी के सामान को ठण्डी चाय या सिरका और पानी से धोना चाहिये। फलालेन का या स्पंज का टुकड़ा धोने के लिए उत्तम है। यदि नक्काशी का काम हो तो ब्रुश को काम में लेना चाहिये । वालूत की लकड़ी के लिए गर्म शराव अच्छी होती है। खूव चमकदार चीज़ को प्रथम स्प्रिट और पानी से धोना चाहिये। दो बड़े चम्मच भर स्प्रिट को एक पाव पानी में डाल स्पंज भिगो कर सामान को धो डालो। सूखने पर चमड़े से खूब रगड़ दो। काले रंग का दयार का सामान सावुन और पानी में धोया जा सकता है। पर हमेशा ध्यान रखो कि लकड़ी अधिक गीली न होने पावे। टेबुल या चौकी पर दूध आदि के गर्म धर्तन रखने से जो धब्बे पड़ जाते हैं, वे कपूर के अर्क से साफ़ किए जा सकते हैं। स्याही के दाग को जरा-सा पाकसलिक एसिड दूर कर देगा। पर तेजाव बहुत ज्यादा न लगायो । इसे कार्क से लगाना चाहिए । टारा छूटने पर तेजाव को पानी से धो कर सूखने पर पालिश करना चाहिए। गद्दी दार सामान को साफ करने के लिये गद्दी को प्रथम खूब पीटो और वुर्श से साफ करो । यदि गद्दी का कपड़ा अधिक मैला हो गया हो तो नर्भ-नर्म चोकर मलने से कुछ साफ़ हो जायगा। चमड़े की गद्दियाँ सावुन पानी से धोई जा १६३