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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/४८

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का ध्यान रखना चाहिए । शहरों की सफ़ाई का प्रबन्ध म्युनि- सिपल कमेटी के मेम्बरों को भली भांति रखना चाहिये। फैलनेवाली बीमारियाँ बड़े मेलों में, घनी आवादियों में जहाँ सफ़ाई का अच्छा प्रवन्ध नहीं होता वहाँ हैजा, प्लेग, शीतला, बुखार अदि.वीमा- रियाँ फैल जाती हैं। उन दिनों में ये पहतियात करनी चाहिये- १-मकान और शरीर साफ़ रक्खो। २-हल्की और जल्द हज़म होनेवाली रिज़ा खायो। ३-कुएँ का जल पकाकर छान कर पियो। ४-चूहे-मक्खी-खटमल-मच्छर इंन से बचो और खाने पीने की चीज़ों को इनसे बचाओ। ५-विस्तरे और चारपाइयाँ प्रति दिन धूप में सुखाओ। ६-सुगंधित धूप, कपूर, घी, चीनी, गन्धक श्रादि पदार्थ प्राग में जलाकर वायु मन्डल को साफ़ करो जिस से उसमें से रोग फैलानेवाले कीड़ों का नाश हो। घरों में प्रति दिन भी इनका जलाना अच्छा है। स्वस्थ रहने के नियम १-सब से मेल मिलाप से रहो और विनय पूर्वक यथा योग्य वर्ताव करो। २-मल मूत्रादि के वेगों को कभी न रोको परन्तु क्रोध लोभ अादि मन के विकारों को रोको।