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पृष्ठ:हमारी पुत्रियां कैसी हों.djvu/९४

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3 पीना उचित नहीं, ऐसे दूध के पीने से सख्त ज्वर (मियादी- बुखार) मन्दाग्नि, गुल्म, शूल, क्षय और दाह रोग हो जाने का भय है। जिस दूध से मक्खन निकाल लिया जाता है। उसमें पोषक तत्त्व और शर्करा बदस्तूर रहती है। सिर्फ चिकनाई का भाग हाथ से मक्खन निकालने पर सौ में १ भाग और मशीन से निकालने पर उससे भी चौथाई रह जाता है।' जमाया हुआ विलायती दुग्ध (Condensed milk) तृतीयांश गाढ़ा होता है। और इसमें प्रायः गन्ने की शक्कर मिली होती है। मलाई मलाई के वैज्ञानिक विश्लेषण करने से उसमें नीचे लिखे तत्व पाये गये हैं। पोषक-तत्त्व २.५ चिकनाई १८.५ शर्करा ४.५ नमक ४-५ पानी ७५.० जितने प्रकार की चिकनी चीजें हैं, उनमें मलाई सब से अधिक जल्दी हजम होने वाली हैं। यह काडलिवर आइल से कहीं अत्यन्त ऊँचे दरजे की पुष्टिकर और ग्राह्य है । मलाई की चिकनाई का भाग वही है जो मक्खन में है, परन्तु मक्खन की बनिस्बत मलाई बहुत महंगी पड़ती है। अच्छे दूध में सेरं पीछे एक पाव मावा, तीन छटाँक मलाई, २॥ पाव रवड़ी और एक छटाँक धीं बैठता है। मलाई जमाने की विधि यह है कि दूध को खूब औटायो और चौड़े, मुँह के वर्तनों में एकान्त स्थान में ठंडा होने को रखदो । मिट्टी के कुंडे मलाई जमाने के लिए अच्छे होते हैं। अथवा सोलह-सत्तरह इञ्च लम्बे और ७८ इञ्च चौडे तथा १॥ इञ्च गहरे ताम्बे के पात्र तश्तरी के आकार के जिन पर अच्छी