मक्खन- मक्खन गर्म दूध का अच्छा, गाढ़ा, चिकना और अधिक स्वादिष्ट होता है। पर गर्मी में कच्चे ही दुग्ध का निकालना चाहिए । यदि तमाम दुग्ध से ही मक्खन निकालना हो तो उसे रात दिन रक्खे रहने दो, हिलाओ-डुलाओ नहीं, तो उस पर मोटी मलाई की तह जम जाएगी। और मक्खन और भी अधिक निकलेगा। पर वह दूध इतना खट्टा हो जाएगा कि पीने के काम का नहीं रहता। यदि दूध भी काम में लाना है तो रात भर ही रख कर मक्खन निकाल लेना चाहिए । इसमें मक्खन निकलेगा रई और उसके इस्तेमाल को सब जानते है, उससे पाव घण्टे में मक्खन निकल आता है, मशीन से कुछ जल्दी निकलता है। मलाई से यदि मक्खन निकालना हो तो तमाम मलाई को वर्तन में डाल दो और ठंडे पानी के जरा.छींटे दो, और दूध की अपेक्षा ज़रा ज़ोर से हाथ मारो, ज्यों-ज्यों मक्खन आने लगे,हाथ जरा धीमा करते जायो । ख्याल रखना चाहिए कि रई गर्म न होने पावे वर्ना मक्खन तय जायगा। तो कठिनाई पड़ेगी। ज्यों ही हाथ भारी होने लगे-रई को धीमी कर दो। और देखो कि मक्खन के दाने तैरने लगे हैं। फिर बहुत ही आहिस्ता-आहिस्ता रई मारो जब तक कि मक्खन का लौंदा न बन जाए । स्मरण रहे कि जब तक तमाम मक्खन का लौदान वन जाए मक्खन बाहर नहीं निकालना चाहिये। ऐसा करने से बहुत कम मक्खन निकलेगा। जब सब मक्खन निकल आवेतो उसका पक लौदा बना कर एक घड़े में ठण्डा पानी भरकर उसमें डाल दो- कुये और तालाव का पानी कुछ गर्म होता है । जरासा नमक मिला कर रखने से मक्खन कई दिन तक खट्टा नहीं होता। जल अलबत्ता दोनों समय बदलना चाहिये । मक्खन को कभी हाथ
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