पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/१२४

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भूत ग्रस्त है जो, वह कैसे भौतिकता का वारे उत्नमण ? यह रहस्य - उद्घाटग - रत जन, सोच रहा है यो अपने मन । या जब क्या है सोत ज्ञान का ? पूछा मानव ने अपने से- तो आयी इव ध्वनि कि ज्ञान है केवल इन्द्रिय के मापने से । बोल उठा भौतिक विज्ञानी है इन्द्रिया ज्ञान के साधन, इनके विना काही यौसे हो मानव या यह जानाराधन मानव ने अपने स्वरप के मुने तकमय ये सन प्रवचन, किन्तु तत्त्व - उद्घाटन - रत जन पाग सका सन्तोप-शान्ति-धन ? क्या है वे इंद्रियों कि जिन ने दिया ज्ञान-भाण्डार अतुल यह या वे है केवल सावन हो? यो बोला मान भावुल यह 1 वहो, इन्द्रियो से हो केवल शान-नोदना केवल यह उपकरण - समुच्चय बना ज्ञान - अनुरागी जागी? वैसे दम विपपायी जनम के