पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/५८०

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सड़े भात के लिए रवान को औ' मानव को लड़ते देखा, पति-पत्नी को इक रोटी के हेतु नितान्त भगरते देखा, मानव ने कुत्ते को मारा, कुत्ते ने मानव को काटा, पत्नी ने पति को नोचा ओ' पति ने एक जमाया चांटा। मैने भूखे शिशु को भूखी माँ के स्तन चिचोडले देखा, मैंने भूखे शिशु की भूखी माको प्राण तोडते देखा। सुन लो उस शव की छाती से चिपटे भूखे शिशु का क्रन्दन । देखो, विकट भूष - ज्वाला मे दग्ध हो रहे हैं मानय • सन । देखो, भूख-भरी ये आँखें, देखो प्यास - भरे वे लोचन, सास भरे, उच्छ्वास भरे वे, दुस्सह नास भरे वे लोचन । याचनाय फैलो यह हही, देखो, इसे हाथ पाहते हैं। पथ पर रख के देर निहारो, इसको बथु - घात कहते हैं । हम विपपायी धनम क