पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/६१७

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तुमने व्णन स्थित-मे होकर कर ली स्वीकृत वह भेंट दोन, तुमने न जरा भी पह सोचा यह भी मुरझायो, गन्धहीन, पर, इक दिन, जय कोई तुमको नूतन प्रमून देने आया, तो तुम हमसे बाह ॐ मुनो यह पुष्प हमारे मन भाया, ले लो, मालिक, यह सद्य सुमन, तुम कुछ मत सोच विचार करो, हम परित्याग के आदी है, तुम जिसको चाहो प्यार करो। श्री गणे बुटौर, वानपुर ९माण १९४२ लो, यह नाता टूट रहा है को, यह नाता टट रहा है, जिम पर मयो बता गर्व या, यह पीतम भी कर रहा है, ग्दो, यह गाता र रा। गोगा युट गता है, मानो मन OT Tape #1 गारोगा अगम बोया में मानो गया मार मारे, भात , पाममे भी मानो कपट गया, मा पंगा में दुपट ग, माई rप-RT Tगा पाला भी मnिtषा जाम .