पृष्ठ:हम विषपायी जनम के.pdf/७६

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बच्ने मटे, खून से उनके हुआ जननियो का प्रक्षालन, यो मानव ने किया कडक कर अपनी बत्सलता का ज्ञापन, मांगो के जाये नर-रूपी चण्ड राक्षसो ने आगे बद छेद दिये स्तन, और दूध को जगह खून की धार चली कट। काटे गये वही स्तन - जो थे करते मानवता का लालन, खूब किया मानव-दानव ने पुण्य मातृ-ऋण का प्रतिपालन । आज क्रुद्ध मातृत्व दे रहा है अभिशाप हमे निशि वासर,- पाश्चित करेगा मानव, जो है हिंसका कायर ? काटी गाएँ, छेदे उन ने कोमल बालक सगीनो पर, बूढो के भी टुकडे कर के बने लोग भारी वीरेश्वर, श्वेत केशयुत मिन माया को निज बूटी सागर- जग में दिया मगन कायर मानव ने वाय गमादर 1 हम विषपायी जनम के