पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/११७

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फरिया बच्चों के समान बिलख-बिलख कर रोने लगी। सैय्यद कुछ क्षण चुप रहा; लेकिन इस थोड़े से समय में इसकी सिमटी हुई भावनायें उसके शरीर में फैल गई थी। उसने लाल-लाल आँखों से फरिया की ओर देखा और आगे बढ़ कर अपने जलते हुए अधर उसके अधरों में लगा दिये।



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हवा के घोड़े