पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/११९

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है? इस छोटे महाद्वीप की तीन चौथाई आबादी ने हमेशा ही फाके किये हैं। क्या हुआ अगर वह पागलखाने चला गया? इस पागल और मजनू समाज में मन्टो जैसे होशबन्द का पागलखाने जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं, आश्चर्य तो इस बात का है, कि वह आज से बहुत पहले पागलखाने क्यों नहीं गया? मुझे इन सब बातों से न तो कोई हैरत हुई, न कोई आश्चर्य ही हुआ। मन्टो कहानियाँ लिख रहा है--मन्टो कुशल है---ईश्वर उसकी कलम में और जहर भर दे।

मगर आज जब रेडियो पाकिस्तान ने यह खबर सुनाई, कि मन्टो धड़कन बन्द हो जाने से चल बसा तो, दिल और दिमाग़ चलते-चलते एक क्षण के लिए रुक गये। दूसरे क्षण यह विश्वास ही नहीं हुआ। दिल और दिमाग़ ने इसे नहीं माना, कि ऐसा हो सकता है--एक क्षण के लिए मन्टो का चेहरा मेरी निगाहों में घूम गया। उसका देदीप्यमान चौड़ा ललाट और बात-बात में उसकी तीखी मुस्कराहट और शोले की तरह भड़कता हुआ उसका दिल--कभी बुझ सकता है? दूसरे क्षणों विश्वास करना पड़ा। रेडियो और पत्रकारों ने मिल कर इस बात की पुष्टि कर दी, कि मन्टो मर गया है। आज के बाद वह कोई नई कहानियाँ नहीं लिखेगा। आज के बाद उसकी कुशलता का कोई खत नहीं आयेगा!

आज सर्दी बहुत है और आसमान पर हल्के-हल्के बादल छाये हुए है मगर इस वातावरण में वर्षा की एक बूँद भी नहीं है। मेरी आँख में आँसू का एक कतरा भी नहीं है। मन्टो को रुलाने से अत्यन्त घृणा थी। आज मैं उसकी याद में आँसू बहाकर उसे परेशान नहीं करूँगा। आहिस्ते से मैं अपना कोट पहन लेता हूँ और घर से बाहर निकल जाता हूँ।

अद्भुत संयोग है, जिस दिन मन्टो से मेरी पहली मुलाकात हुई,

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हवा के घोड़े