पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/१६

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भी कोसता कि व्यर्थ में उसने दूसरों को गालियाँ दीं। यदि संसार के सभी प्राणी एक दूसरे से प्यार करने लग जायें, तो इसमें मेरे बाबा का क्या बिगड़ता है? मुझे तो केवल अपने काम से काम है। यदि मैं किसी के प्यार में स्वयं को न बाँध सका, तो इसमें किसी का क्या दोष? किसी हद तक ठीक है कि मैं इस योग्य ही नहीं हूँ। क्या पता है कि बेवकूफ और बेअक़्ल होना ही प्यार करने वाले के लिये जरूरी है। वह स्वयं से ऐसे-ऐसे प्रश्न करता, जैसे वह कहीं 'इन्टरव्यू' पर गया हुआ हो।

एक दिन सोचता-सोचता वह इस निष्कर्श पर पहुँचा कि प्यार एक-दम नहीं होता। वह झूठे हैं, जो कहते हैं प्यार एक-दम हो जाता है। यदि ऐसा होता तो मालूम है कि उसके हृदय में बहुत पहले से किसी के साथ प्यार हो गया होता। बहुत सी लड़कियाँ उसकी निगाहों से अब तक गुजर चुकी थीं। यदि एक-दम प्रेम हो सकता, तो इनमें से किसी एक के साथ प्यार की दुनिया बसा लेता। किसी लड़की को एक या दो बार देख लेने से भी प्यार हो जाया करता है, यह वह न जान सका।

कुछ दिन पहले उसके मित्र ने कहा कि कम्पनी-बाग़ में आज मैंने एक लड़की को देखा और एक ही नज़र में जख्मी कर दिया। उसका मन दुःख से चिल्ला उठता और इस प्रकार के शब्द उसको उल्टे दीख पड़ते। एक ही नज़र में उसने मुझे जख्मी कर दिया, लाहौल-बि-ललाह... विचारों को किस भद्दे ढंग से व्यक्त किया गया है।

जब वह इस प्रकार के झूठे और 'थर्ड क्लास' के शब्दों को सुनता, तो उसे ऐसा अनुभव होता कि उसके कानों में कोई पिघला हुआ शीशा डाल रहा हो।

परन्तु यह उल्टे दिमाग़ और लँगड़े मज़ाक के इन्सान उससे अधिक

हवा के घोड़े
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