पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/६०

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क्योंकि सर्दी अधिक थी, इसलिए ठीक देख-भाल न होने के कारण सैय्यद को निमोनिया हो गया। उसकी हालत ज्यादा ख़राब हो गई। उसकी माँ बेचारी क्या कर सकती थी? दिन-रात दुआ माँगने में लीन रहती या अपने बेटे के पास बैठी रहती। राजो ने भी सेवा करने में कोई कसर न उठा रखी थी ; किन्तु स्वस्थ होने के स्थान पर उलटा रोगी अधिक अस्वस्थ होने लगा...। सैय्यद के मन में कई बार आया कि माँ से स्पष्ट शब्दों में कह दे कि राजो का यहाँ रहना, उसे अच्छा नहीं लगता; परन्तु प्रयत्न करने पर भी वह न कह सका। इस अवस्था में, वह जो कुछ भी अनुभव कर रहा था, इस घर के कारण भावनाओं में और वृद्धि हुई।

डा० मुकन्दलाल भाटिया ने यह सुझाव रखा था कि उसे जल्दी से जल्दी हस्पताल में दाखिल करवा दिया जाये, तो ठीक रहेगा। वहाँ

हवा के घोड़े
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