पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/६६

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और एक खुली, जिसमें मे नर्म झाँक रही थी, जब इन दोनों की आँखें चार हुई, तो नर्स ने अपने छोटे से सफेद रूमाल को हिलाया और फिर खिड़की बन्द कर ली।

उसके मित्र ग्रब्बास ने जब यह खेल देखा, तो आँख मारते हुए रशीद से कहा--"भाई, मुझे दाल में कुछ काला-काला दीख पड़ता है।"

हवा के घोड़े
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