पृष्ठ:हवा के घोड़े.djvu/७७

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दिमाग खराब हो जायगा। खुदा के लिए यह प्यार की दासताँ खत्म करो। हमारा प्यार बड़े-बड़े पत्थरो के नीचे दब चुका है। जब खुदाई होगी, इमको निकाला जायेगा, फिर हम दोनो, इम के बारे में खुलकर बाते कर सकेंगे।"

सैय्यद की संक्षिप्त भाषा में इतने धचके थे कि अब्बास के दिमाग की ऐसी हालत हो गई, जैसे थर्ड-क्लास ताँगे में बैठ कर टूटे फूटे रास्ते पर चलने से पैदा हो जाती है। वह भी उठ खड़ा हुआ---"न जाने तुमने क्या बकवास की है; मगर मैं सिर्फ इतना समझता हूँ कि औरत से प्यार करना और जमीन को खरीदना तुम्हारे लिए एक समान है। मेहरबानी हो यदि तुम प्यार करने की जगह पर, एक-दो बीघा जमीन खरीद लो और उम्र भर उस पर कब्जा जमाए रखो लाहोल बल्लहा! आज तुम्हें क्या हो गया है, तुम्हारे अन्दर की शायरी का क्या हुआ? बीमार रहने के बाद तुम इतने कमजोर हो गए हो कि छोटी सी बात को भी नहीं समझते। भाई प्यार जो अधिक समय तक रहे प्यार नहीं, लानत है हम आदमी है पैगम्बर नहीं, जो एक ही औरत पर पूरी तसल्ली कर लेगे। अगर एक ही औरत से मैंने अपने आपको चिपका दिया, तो जिन्दगी बिगड़ जायेगी मैं खुदकुशी कर लूँगा, उम्र भर सिर्फ एक औरत सिर्फ एक औरत और यह दुनिया क्यों इतनी भरी पड़ी क्यों इसमें इतने तमाशे इकट्ठे है सिर्फ गेहूँ पैदा करके ही अल्लाह-मियाँ ने अपना हाथ क्यों नहीं रोक लिया?"

"मेरी सुनो। और इस जिन्दगी को, जो तुम्हे दी गई है, ठीक ढंग से रखो, तुम उस औरत को जो तुम्हारी राह पर डाल दी गई है, कुछ समय के लिए, किस तरह खुश कर सकते हो? अपनी खुशी अच्छी रही..? झगडे़ में खुद को न उलझाओ, औरत कोई अयोग्य सृष्टि नहीं है। वैसे तो तुम अपने पालतू कुत्ते को भी अच्छी तरह जान

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हवा के घोड़े