पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/११६

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पंचपा-उमादास हप्ता वि० राम भर्मयुद्ध कयि | पनसिंह-शाति के कारस्प, मागसिंह का पुत्र। का माशीवाद(70-80" पजन पराम्पोतिष ०(१-३) पंच-समय वि० सिति बशमा पमनेस-म का..नके विषय में दे-(-) भौर कुक भी ज्ञात नही। परम गेंदलीला-मदास निका मनिषा दे० (48) १ लि. फा० स० ३, थि० भीरम पद-मोहनराम मारो foयर स्तुति की गलौला का पण।०(सी) धीर प्राधमा । (ER) पंच सोलीरा दुदा-छोइस पिछया मिल का पद मसग माला-गरीबास (गहारा सापत toryयि पाँच खियों का विषद पर्णन। सिायकिलप कविगेर पोका ०(-३) {ग-३५) मम (4-PER सी) पंचांग दर्णन-दुनाथ यक , नि. का. पदमस विवादलो-सभ्य माम सक्मिणी ग्या 2014लिका - वि०पो इस पदुम प्रगत शनि का.स. १६६ लिया.(-२२६) (अ-३३३) वि० श्रीरक्मिणी पिवार पन। पाप्पायी-म्य भाम राप्त पपापायी वामी (८-१२) (क-२४) माम सालिकासं० २८४) पिस राठ पदमदेव महाराण मामला स० १८८ के पूर्व ? मौला का वर्णन (-RE-२००५) पर्समान दामादव के पिता (1) शध्याची पदरसिंह त मि. ० ० पदप भगढ-मावि तेही, HO TELER REE वि० मीरण की पस-कीमा ३० भगवतमाला (-३) हामियी पारे (क-२४) (-४२) पोदी उमल-नागोर मियामी, मासिके माथुर कापम्प, सं० सामग पर्स पदसराग-2 पर्मानुपापी, कषि पम मिल मान, लाल मीरपुम। कगुप.पूर वर्तमाना बारगार मारपीच 40 (ग-1००) भौरा के समकालीन 10 (-२) पदी रितास-पातीराम हत, लिपार रस पदमाकर मह-नकी सम्मभूमि सागर (1) पर्ख माया पवित्त में एक पक्षी का माम है। मैं पी, स०१८७२ कक्षामा यतमाम माइम मास मा क पुत्रइसके पूपों क संबपी पमन गरि (श्री) लग्नगा निपासी नके मथुरा निवासी या अपपुर भरय महागम vि और मीभात नहीं। प्रतापसिंहसया और महाराज जगतसिंह पारमाही दे. (-३) मर्सकमाभिठामे और भी पाना है। मन परन पाविए-मिहालनि०. समामाया रामापण ए. (ब-) (-२) सरिस्पाविषI(-४) 3 (प-1) (-) (-1)