पृष्ठ:हस्तलिखित हिंदी पुस्तकों का संक्षिप्त विवरण.pdf/२८

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स्वसिंह और पुसिंह की प्रामा में नही मिलाप तक वीरसिह देय को मरे ८० प पर थे। इसमे मी पाही पतीत होता पण मनिराम इस बीच में सीसपोटी का होना स्वामाविक है, के सापती नहीं गप यहिक उन्होंने अपनी या अन इसमें कुछ मी संदेह नहीं रहता कि प्रय में से पात्रा की थी। पम्ति धीरदिप चौर बद्रमान देता तथा मिमा यिमार में पति राहा गम् | रतिदायमा माया मरश दोरसिंह देश तथा E माघ सालको सिमाभिक मामितमाम खुबला एक दी है। होकर मनिराम न पसार पिंगल रचा। चुप क दिम्बी इतिहास में विपाप राजा पत मी कविणे प्राभगवालाशपर मनी पड़ी निर्मित हामा है कि मधुभाशाह तथा म्वय भी कपि । इमही भाषा स प्रतीतक पुत्र वीरसिंहपय और कार पुर समान इाना है कि यदि मागे प्रोनक राजा । एप । प्रथम मा उपर्युरू सीमो मदरशयों का वर्णन सितारा मराठी पोमवहाँ दिवोरमा | पाया जाता ६ । सम्मान दमा दिन है। मेरे विचार से यह इतिहास । म यह सिमित होता है कि सोतकी राजो गेगिज पशोपा विध स्वरूपसिंह मीच, प और कोहार में से फूटापितियों में गे । इसिवाय क किसी एक मयमा सस: किसी माग पर अधिकत बताना मातिमूलक है। होग और बाहरी पर मक्षिप मी बाके पाश्रय में भप बच कोमुरी में पति मुध पश और रहत थे। इतिहाम से मी मिमान कीजिप रस प्रय में मधु अभी भूपस्य भीर मनियम के विषय में गुत कर साहि पुत्र वीरसिंह य म यशधन सी मान्ति फैली है जिनका दूर करना हिन्दी किया गया है। यही योरसिंह पवई शिदोन | मेमियों का कर्तम्प है। यहाँगीर के कहने में साबुल फल का वध किया सोस की रिपार्ट में ममी वे सब पुस्तके पान गरील सं० १६७ में मा पा। मी प्राप्त नहीं हुई। मा मिभवर विमार में हमा बारह पुत्र ए भिम पर पुत्र पहासिंह पर्पित है। वार्षिक रिपोर्ट सन् १९०६ ११ में मुगए सारा के अधिकारी हुए; और सीमार पुष चिन्तामवि में एक पिपल प्रप का वर्णन है । प्रहमान प जिनका इरीच, कौंच और अय में सम्यत् भादि का का पता मही है। मागीर में FANII । इन्हीं अनुमान र पुन मिनिरीक्षक महाप न उसमें प्रयकार का सम्म सादि ईशला मतिराम भाभयदाता मांसह १६ वि० सिमा । कपिकृत INDE पिठा ये नाम स काय मे वृत्त कौमुदाय का रचना फास सं०१७०० वि० दिया है। रखा या प्रय संपत् १७५-पिक में रखामापा था। •पुरचरमा सिका। मिर +nagणर. मासिक रिपोर (1,BEEI xति रिपोरे 18.11.!