पृष्ठ:हिंदी भाषा.djvu/२६

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आधुनिक भाषाएँ अपने भाषा सर्वे में ग्रियर्सन ने भिन्न भिन्न भाषाओं के उच्चारण तथा व्याकरण का विचार करके इन भारतीय आर्यभाषानों को तीन उपशाखाओं में विभक्त किया है-(१) अंतरंग, '. (२) बहिरंग और (३) मध्यवर्ती। वह वर्गी- करण वृक्ष द्वारा इस प्रकार दिखाया जाता है- क. बहिरंग उपशाखा । १६२१ में 1 बोलनेवालों की संख्या (१) पश्चिमोत्तरी वर्ग करोड़ लाख १-लहदा २-सिंधी ०-३४ (२) दक्षिणी वर्ग ३--मराठी १-८ (३) पूर्वी वर्ग ४-श्रासामी ५--बंगाली ४-६३ ६-उडिया ७--विहारी ३-४३ ख. मध्यवर्ती उपशाखा (४) मध्यवर्ती, वर्ग ८-पूर्वी हिंदी २--२६ ग. अंतरंग उपशाखा (५) केंद्र वर्ग ६-पश्चिमी हिंदी ४-१२ १०-पंजाबी १-६२ ११-गुजराती १२-भीली १३-खानदेशी १४- राजस्थानी १--२७ (६)पहाड़ी वर्ग १५-पूर्वी पहाड़ी अथवा नेपाली ०-३ 0-६६