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राष्ट्र के लक्षण
 

नहीं पड़ता। दूसरे देश में सदा के लिये बस जाने से धीरे धीरे राष्ट्रीयता में परिवर्तन हो जाता है। विवाहिता कन्या अपने पति के घर की बातें सीख लेती है और फिर उसी को वह अपना घर मानने लगती है। अमेरिका के संयुक्त राज्य में बसा हुआ अँग्रेज़ अपने को अमेरिकन समझता है, अंग्रेज़ नहीं।

इस देश-सम्बन्धी एकता में प्राकृतिक अवस्था से बहुत सहायता मिलती है। इसका प्रभाव भी लोगों के आचार-विचार पर बहुत पड़ता है। पहाड़, मैदान, जंगल, रेगिस्तान तथा सर्द और गर्म देशों के रहने वाले अपनी-अपनी विशेष आवश्यकताओं के कारण एक दूसरे से भिन्न होते हैं। राष्ट्र के लोगों का विकास तथा बल देश में आने-जाने की सुविधाओं पर भी बहुत कुछ अवलम्बित रहता है। यदि आने-जाने की सुविधा अधिक है तो लोगों का ऐक्य सुदृढ़ होगा। जितने भूमि-भाग में लोग आसानी से मिलजुल सकेंगे उतना ही देश स्वाभाविक रीति से एक राष्ट्र हो सकेगा। इसी कारण से पहाड़ी प्रदेश में राष्ट्र छोटे होते हैं और मैदानों में बड़े होते हैं। प्राचीन काल में, जब आने-जाने की सुविधाएँ कम थीं, राष्ट्र छोटे छोटे होते थे। आजकल वे बड़े होते हैं। किन्तु राष्ट्रीयता के लिये देश की प्राकृतिक विभिन्नता प्रत्येक अवस्था में बाधक नहीं होती है। एक राष्ट्र में मैदान व पहाड़, जंगल व रेगिस्तान, सर्द व गर्म सब प्रकार के भूमि-भाग थोड़े बहुत हो सकते हैं, यद्यपि किसी एक की प्रधानता साधारणतया अवश्य होनी चाहिये।